भूतो का भवन भूत प्रेतों की कहानी
मै ये नहीं जनता हु कि के ये कहानी में आप यकिन भी करे गे या नहीं पर ये कहानी मै भी काफी अरसे पहले ही सुनी थीउस समय हमलोगों के दादा जी के भी बाबू जी उस कस्बे में रहेते थे सब कुछ ठीक थक चल रहा था
अचानक कुछ बाहरी कोई रहने के लिए वो उस कस्बे में आगे वो लोगो को भी कस्बे में एक छोटा सा माकन किराये पे ले के रहने लगे १० वर्षो तक वे लोग किराये कि ही माकन में रहे बाद मै वो लोग भी किसी से जमीन ले कर आपना घर बनाने लगे अब घर कि कम सुरु भी नहीं हुई थी कि अचानक एक फ़क़ीर उसी रास्ते जा रहा था तो उस कि नजर वो लोगो पर पड़ी उन लोगो ने पूछा बाबा यहाँ पे ये माकन कैसा रहेगा तो फ़क़ीर ने एक मुट्ठी मिटी उठा लिया और बोले बेटा क्या तुम भुत परतो में विश्वास करते हो तो उन लोगो ने उस फ़क़ीर का मजाक उड़ा दिया फ़क़ीर बोले चलो ठीक है मै चलता हु तो उस मै से एक ने कहा बाबा रुक जाओ मै आप कि बातो में विश्वास करता हु बतादो मुझे यहाँ क्या हुआ था अब क्या था उस फ़क़ीर ने कहनी सुरु कि यहाँ काफी समय पहले कोई रहा करता था और वो आपनी माँ से बहुत ही आधिक प्रेम किया करता था उस कि माँ भी उस से काफी आधिक प्रेम किया करती थी उस कि पिता कस्बे से बहार शहर में रहता थे वे लोग अपने परिवार से साथ खुश थे अचानक कुछ लोगो एक दिन से कस्बे से बहार किशी से आपने कम कि वजह से कुछ तू तू मेमे हो गई शाम को जब ओ घर को लोटा तो देखा कि उसकी पत्नी उदास पड़ी है उस ने पूछा कि तुम इतना उदास क्यों हो तो वो बोली कुछ लोग आके हमे और हमारे परिवार जनसे मरने कि धमकी दे गई है और ओ बोले तुम ये जमीन 5 दिनों के अंदर ये जमीन चोर के चले जाओ गे उसकी पत्नी उस घर को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी और उन लोगो ने जमीन कि लोव मै उन लोगो को घर सहित जिन्दा जला दिया पर कस्बे वाले ये सब नज़ारे देखते ही रहे और कुछ कह न सके वो मर गये पर ओ उसी घर में रहने लगे वे लोग भी वे घर में रहने लगे पर कुछ ही दिनों बाद उन लोगो का हश्र बहुत ही बुरा हुआ और वे एक एक कर के मरते गए अंत मै उस कस्बे वाले ने उस माकन को तोर दिया उस दिन से कस्बे में किसी भी प्रकार का घटना नहीं हुआ है और तुम आब उसी जमीन मै आपनी माकन बनाने का सोच रहे हो भूल जाओ अचानक उस में से एक ने उस फ़क़ीर को कुछ गलत शब्द कहते हुए कहा जाऊ तुम आपना कम करो और हमलोगों को भी अपना कम करने दो फ़क़ीर चुप चाप चला गया घर बन्ने के बाद एक दिन वे लोग उशी घर मै रहने लगे अचनक उस घर में से एक को कुछ डर सा लगने लगा एक दिन तो उस कि पत्नी आत्महत्त्या करने कि कोशिस भी कि अब तो दिन प्रतिदिन उस घर में परेशानी बढती ही जा रही थी अब तो एक दिन ओ किसी कारन वस अपने छात से गिरते गिरते बचा अब प्रेशानी दिन प्रतिदिन बढाती ही जा रही था पर वो क्या करता उसको तो कोई रास्ता ही नहीं दिख रहा था अब क्या करता ओ दिन प्रतिदिन सोचता ही रह अचानक उसे उस फ़क़ीर कि यद् आ गई फ़क़ीर ने उसे एक उक्ती बताये तो उस ने ऐसा ही किया तो उसे भूतो ने स्वप्न में अपनी सारी कहानी सुनाई और बोले मेरा श्राध कर्म नहीं हुआ है इसी कारन मै घर इस घर को नहीं छोड़ पा रहा हु अब उसने उस भूत का विधि पुर्बक श्राध क्रम किया और उस बहुत को मुक्ति मिल गई और वे लोग आराम से उसी घर में रहने लगे !
उस घर का नाम भूतो का भवन रख दिया !
Felt so hopeless looking for answers to my quuo.isns..tentil now.
very nice kahani
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